नई दिल्लीः भारत और चीन के बीच डोकलाम में चल तनाव के बाद अब चीनी घुसपैठ का एक और मामला सामने आया है जो 26 जुलाई का बताया जा रहा है. आपको बता दें कि चीन द्वारा की गई इस घुसपैठ के ठीक एक दिन बाद ही भारत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपने चीनी समकक्ष एवं स्टेट काउंसिलर यांग जेची से डोकलाम मुद्दे पर चर्चा की थी. हालांकि अभी डोकलाम मुद्दे का कोई भी हल नहीं निकल पाया है और दोनों ही देशों के बीच सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में इस नए मामले के सामने आने से बातचीत की ये पहल कहीं ना कहीं प्रभावित हो सकती है.
मीडिया में चल रही खबर के मुताबिक चीनी सेना ने 26 जुलाई को उत्तराखंड के चमोली जिले से सटी सीमा पर घुसपैठ की है. खबर हैं कि चमोली जिले के बाराहोटी में चीनी सैनिक लगभग 1 घंटे तक रहे.
इसी इलाके में एक साल पहले भी चीन ने की थी हिमाकत
2016 के जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह में भी चीनी सेना ने उत्तराखंड के बाराहोटी इलाके में घुसपैठ से पहले सिंथेटिक ऐपर्चर रेडार (एसएआर) से लैस उच्च श्रेणी के विमान का इस्तेमाल कर एक टोही मिशन चलाया था. एसएआर विमान व्यापक क्षेत्र की उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीर उपलब्ध कराता है.
क्या है बाराहोटी सीमा से सटा मामला
बाराहोटी उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड पर आधारित ‘मिडिल सेक्टर’ में पड़ने वाली उन तीन सीमा चौकियों में से एक है, जहां आईटीबीपी के जवानों को उनके हथियार ले जाने की अनुमति नहीं है. ऐसा जून 2000 में तत्कालीन सरकार के एकपक्षीय फैसले के कारण है. वर्ष 1958 में, दोनों देशों ने 80 वर्ग किलोमीटर के ढलान वाले चारागाह बाराहोटी को एक विवादित क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया था, जहां कोई भी पक्ष अपने सैनिक नहीं भेजेगा. वर्ष 1962 के युद्ध में, चीन की पीएलए 545 किलोमीटर के मिडिल सेक्टर में नहीं घुसी थी और उसने अपना ध्यान पश्चिमी (लद्दाख) और पूर्वी (अरूणाचल प्रदेश) सेक्टरों पर केंद्रित रखा था.
डोकलाम विवाद
जून 2017 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच भूटान की सीमा पर धक्कामुक्की हुई जो कि भूटान की भारत में लगती सीमा पर नाथूला और अन्य स्थानों पर देखी गई. यह स्थिति अभी भी समाप्त नहीं हुई है. चीन के सैनिक भूटान की जमीन से सड़कें बनाने की कोशिश रहे हैं जबकि भारतीय सैनिक उन्हें ऐसा करने से रोक रहे हैं. चीन ने भूटान के पूर्व में चुम्बी घाटी तक सड़क बना ली है और यहां एक नदी भी है जिसे ऐमेचो नदी कहा जाता है. इस इलाके को चुम्बी नदी घाटी के नाम से जाना है.
यह स्थान भारतीय सीमा के बेहद करीब है. भूटान की तुलना में चीन की आबादी 1500 गुना ज्यादा है और यह 250 गुना बड़े भूभाग वाला देश है. लेकिन चीनी सैनिक डोकलाम पठार पर कब्जा करना चाहते हैं, जोकि चीन और भारत को पूर्व में भूटान तथा पश्चिम में सिक्कम से अलग करता है. यहां का नाथूला क्षेत्र भारत की जमीन पर है लेकिन चूंकि भूटान की सामरिक रक्षा के लिए भारत जिम्मेदार है इसलिए हम आपको बता देना चाहते हैं कि पहले और इस समय कहां, क्या हो रहा है?
भारत और चीनी सैनिकों के बीच शक्तिप्रदर्शन पिछले कई सप्ताहों से चल रहा है जोकि अभी तक समाप्त नहीं हुआ है.अब इस इलाके की भौगोलिक स्थिति को समझ लीजिए कि जो झड़पों के मूल में है. चीन इस क्षेत्र में भूटान से होकर सड़कों का ऐसा जाल बिछाना चाहता है ताकि यह भूटान के उस इलाके पर कब्जा कर सके जिसे डोकलाम का पठार कहा जाता है.
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एम्स भोपाल में हुए मध्य भारत के पहले हार्ट ट्रांसप्लांट से पुनर्जीवन प्राप्त करने वाले मरीज दिनेश मालवीय से उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए एम्स भोपाल की टीम को बधाई दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिहंस्थ: 2028 का व्यवस्थित और सफल आयोजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं का विस्तार उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक होगा, अत: इसमें पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सिंहस्थ के आयोजन में श्रद्धालुओं के आवागमन की दृष्टि से उज्जैन जनपद विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, इंडस्ट्रियल बेल्ट भी इसी क्षेत्र में विद्यमान है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी यात्री बस सेवा का संचालन कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा। इसको लेकर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसको कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इससे पहले परिवहन विभाग ने संबंधित अन्य विभागों से यात्री परिवहन बस संचालन को लेकर राय ली। इसमें शहरी विकास विभागऔर विधि विभाग ने अपनी राय दे दी है। इसके तहत एक राज्य स्तर की कंपनी बनाई जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर किसानों के कल्याण के लिये कृत संपल्पित होकर कार्य कर रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्ञान (GYAN) से ध्यान पर फोकस करते हुए 4 मिशन के क्रियान्वयन पर जोर दिया है। जल्द ही प्रदेश में किसान कल्याण के लिये मिशन भी प्रारंभ होने वाला है। वर्तमान में किसानों के कल्याण की विभिन्न योजनाएँ संचालित हो रही है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माँ नर्मदा जयंती की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के अविरल प्रवाह ने मध्यप्रदेश को समृद्ध और खुशहाल बनाया है। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा का आशीर्वाद ऐसे ही अनवरत बरसता रहे, यही कामना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नर्मदा जयंती पर प्रदेशवासियों से जल और संस्कृति के संरक्षण के लिए संकल्पित होने का आव्हान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवा वर्ग अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़े। राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। इस क्रम में कल 5 फरवरी को सभी पात्र निर्धारित विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की जाएगी। युवा वर्ग अपनी प्रावीण्यता का लाभ ले और अपने साथियों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनें, इस उद्देश्य से यह उपक्रम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा न केवल उद्यमी बनें अपितु सब प्रकार से सक्षम भी बनें और अपने लक्ष्य प्राप्ति में सफल हों।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्वोत्तर राज्यों से भारत एकात्मता यात्रा पर आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रप्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इस विविधता का सम्मान करने और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पेश केन्द्रीय बजट में मध्यप्रदेश के लिए रेलवे सुविधाओं के लिए 14 हजार 745 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त कर मध्यप्रदेश के नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया है।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।