रांची. चारा घोटाले से जुड़े दुमका ट्रेजरी केस में सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने लालू यादव को 14 साल की सजा सुनाई। उन पर 60 लाख का जुर्माना भी लगाया। सीबीआई के वकील ने शनिवार को आए इस फैसले के बारे में बताया कि कोर्ट ने लालू को आईपीसी और करप्शन एक्ट के तहत 7-7 की सजा सुनाई है, जो अलग-अलग चलेंगी। लालू की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई, क्योंकि वे अस्पताल में भर्ती हैं। इससे पहले जज शिवपाल सिंह ने इस ट्रेजरी केस में 19 मार्च को लालू को दोषी माना था। पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र इस केस में बरी हो गए थे। बता दें कि लालू पर चारा घोटाले से जुड़े 6 केस दर्ज हैं। आज चौथे मामले में सजा हुई। दो में फैसला आना बाकी है।
दुमका ट्रेजरी मामला क्या है?
दुमका ट्रेजरी से दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच गैर-कानूनी तरीके से 3.76 करोड़ रुपए निकाले गए। इस मामले में सीबीआई ने 11 अप्रैल 1996 को 48 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। 11 मई 2000 को पहली चार्जशीट दायर की गई।
लालू को अब 14 से 19 साल की सजा काटनी पड़ सकती है
1) अर्जी मंजूर हुई तो 14 साल
लालू के वकीलों के मुताबिक, राजद प्रमुख को सुनाई गई पिछली सजाएं साथ चल रही हैं। उनमें अधिकतम सजा 5 साल की है। हम आज की 7 साल की सजा को भी उसमें मर्ज करने की अर्जी देंगे। अर्जी मंजूर हुई तो लालू को 14 साल की सजा काटनी पड़ सकती है।
2) अर्जी नामंजूर हुई तो 19 साल
अगर पुरानी सजाओं में नई सजा काे मर्ज करने की लालू की अर्जी नामंजूर होती है तो उन्हें 5+7+7 यानी 19 साल की सजा काटनी पड़ सकती है।
लालू को 6 में से इन 4 केस में सजा
1) चाईबासा ट्रेजरी का पहला केस: 30 सितंबर 2013 को कोर्ट ने लालू यादव को दोषी माना। पांच साल जेल की सजा हुई। 25 लाख रुपए का जुर्माना भी उन पर लगाया गया था।
2) देवघर ट्रेजरी केस: 23 दिसम्बर 2017 को दोषी करार। 6 जनवरी 2018 को लालू समेत 16 आरोपियों को साढ़े तीन साल जेल की सजा सुनाई गई। लालू पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
3) चाईबासा ट्रेजरी का दूसरा केस: 24 जनवरी 2018 को लालू दोषी करार। इसी दिन उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई। दस लाख रुपए जुर्माना।
4) दुमका ट्रेजरी केस: मार्च 2018 में लालू यादव को दोषी माना गया। पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र बरी हुए। 24 मार्च को लालू को 7-7 साल की सजा सुनाई गई। दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी। यानी कुल 14 साल। लालू पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
आगे क्या: हाईकोर्ट से मिल सकती है बेल, 2 मामलों में फैसला आना बाकी
- साढ़े तीन साल से ज्यादा सजा सुनाए जाने पर बेल के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दायर करनी होती है। लालू को वहीं से बेल मिल सकती है।
- लालू के खिलाफ डोरंडा ट्रेजरी केस और भागलपुर ट्रेजरी केस में सुनवाई चल रही है।
रिम्स में एडमिट हैं लालू
- लालू 23 दिसंबर से रांची की बिरसा मुंडा जेल में थे, लेकिन इन दिनों वे बीमार हैं। उन्हें राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने उन्हें एम्स में इलाज की सलाह दी है। इसकी जानकारी जेल अधीक्षक को दी गई थी।
- शनिवार को बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा लालू से मिलने रिम्स पहुंचे। सिन्हा ने कहा- लालूजी पुराने मित्र हैं। वे मिट्टी से जुड़े शख्स हैं और उनकी तबीयत खराब होने की सूचना पर मैं यहां पहुंचा हूं।
1996 में सामने आया था चारा घोटाला
- जनवरी 1996 में करीब 950 करोड़ रुपए का चारा घोटाला पहली बार सामने आया था। इसके तहत 1990 के दशक में चारा सप्लाई के नाम पर सरकारी ट्रेजरी से ऐसी कंपनियों को फंड जारी हुआ, जो थी ही नहीं।
- जब घोटाला हुआ, तब लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे। उनके पास वित्त मंत्रालय भी था। आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए मामले की जांच के लिए आई फाइल को 5 जुलाई 1994 से 1 फरवरी 1996 तक अटकाए रखा। 2 फरवरी 1996 को जांच का आदेश दिया।
1997 में पहली बार जेल गए थे लालू
- 1997 में लालू को पहली बार ज्यूडिशियल कस्टडी में लिया गया। वे 137 दिन जेल में रहे और राबड़ी देवी बिहार की सीएम बनीं। 12 दिसंबर 1997 को लालू रिहा हुए।
- दूसरी बार लालू 28 अक्टूबर 1998 को पटना की बेऊर जेल गए। बाद में उन्हें जमानत मिली। इसी मामले में लालू को 28 नवंबर 2000 में एक दिन के लिए जेल जाना पड़ा।
- चारा के नाम पर चाईबासा ट्रेजरी से 37 करोड़ रुपए के गबन का दोषी पाए जाने के बाद लालू को 2013 में भी जेल जाना पड़ा था। तब वे दो महीने रांची जेल में रहे थे। 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगा था। उसी साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एम्स भोपाल में हुए मध्य भारत के पहले हार्ट ट्रांसप्लांट से पुनर्जीवन प्राप्त करने वाले मरीज दिनेश मालवीय से उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए एम्स भोपाल की टीम को बधाई दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिहंस्थ: 2028 का व्यवस्थित और सफल आयोजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं का विस्तार उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक होगा, अत: इसमें पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सिंहस्थ के आयोजन में श्रद्धालुओं के आवागमन की दृष्टि से उज्जैन जनपद विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, इंडस्ट्रियल बेल्ट भी इसी क्षेत्र में विद्यमान है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी यात्री बस सेवा का संचालन कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा। इसको लेकर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसको कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इससे पहले परिवहन विभाग ने संबंधित अन्य विभागों से यात्री परिवहन बस संचालन को लेकर राय ली। इसमें शहरी विकास विभागऔर विधि विभाग ने अपनी राय दे दी है। इसके तहत एक राज्य स्तर की कंपनी बनाई जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर किसानों के कल्याण के लिये कृत संपल्पित होकर कार्य कर रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्ञान (GYAN) से ध्यान पर फोकस करते हुए 4 मिशन के क्रियान्वयन पर जोर दिया है। जल्द ही प्रदेश में किसान कल्याण के लिये मिशन भी प्रारंभ होने वाला है। वर्तमान में किसानों के कल्याण की विभिन्न योजनाएँ संचालित हो रही है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माँ नर्मदा जयंती की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के अविरल प्रवाह ने मध्यप्रदेश को समृद्ध और खुशहाल बनाया है। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा का आशीर्वाद ऐसे ही अनवरत बरसता रहे, यही कामना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नर्मदा जयंती पर प्रदेशवासियों से जल और संस्कृति के संरक्षण के लिए संकल्पित होने का आव्हान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवा वर्ग अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़े। राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। इस क्रम में कल 5 फरवरी को सभी पात्र निर्धारित विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की जाएगी। युवा वर्ग अपनी प्रावीण्यता का लाभ ले और अपने साथियों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनें, इस उद्देश्य से यह उपक्रम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा न केवल उद्यमी बनें अपितु सब प्रकार से सक्षम भी बनें और अपने लक्ष्य प्राप्ति में सफल हों।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्वोत्तर राज्यों से भारत एकात्मता यात्रा पर आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रप्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इस विविधता का सम्मान करने और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पेश केन्द्रीय बजट में मध्यप्रदेश के लिए रेलवे सुविधाओं के लिए 14 हजार 745 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त कर मध्यप्रदेश के नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया है।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।